शनिवार, 28 मई 2011

वो बेवफा हमारी इंताहन क्या लेगी

वो बेवफा हमारी इंताहन क्या लेगी 
मिलेगी नजर तो नजर झुका लेगी
उसे मेरे कबर पे दिया मत जलाने देना यारो 
वो नादन है अपना हठ जाला लेगी

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