मैले के गलती गरे तेस्को सज्जा आज म भोग्दै छु मैले त उलाई बिर्शिन शकिन र जिन्दगि मा कैले पनि बिर्शिन होला येही हो मेरो अधुरो प्रेम कथा
म आज पनि तर्पी राको छु त्यो निस्ठुरी को याद मा
सोमवार, 16 मई 2011
दर्द का अहसास आज फिर से उभर आया है
dj kumar
दर्द का अहसास आज फिर से उभर आया है
क्या करु तेरा हि नाम आज फिर से मेरे होठो पर आया है
न मै कर सकुंगा किशी औरो शे प्यार
क्युकी मेरे दिलो दिमाग पे तेरे प्यार का बादल छाया है
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