बुधवार, 3 अगस्त 2011

हम बर्बाद हो गए ...

जिन्दगी  से  जो  तुम  जा चुके  हो ...
हर  तरफ  से  हम  बर्बाद  हो  गए ...
मुस्कुराते  हैं  खुद  कि  मौत  पर ...
आंसू  चिपाने  में  उस्ताद  हो  गए ...
एसी  बेवाफायी  कि  उसने  के...
मोहोब्बत  भी  बद्नाम  होगई ...
अपने  चाह्तों  कि  कीमत  इतनी  वसूल ...
के  हमारी  कब्र  तक  भी  नीलाम  होगई..

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें