गुरुवार, 19 मई 2011

गजल उसके सपने हम आज भी देखा करते है

हम वो दिवाने है जो ताजा हावा लेते है  
बेव्फावो को भी जिने कि दुवा देते है 
ये न पुच्छो कि उसे कितना प्यार करते है 
जितना हम इस गम के सहारे जिया करते है 
हम वो दिवाने है जो...................................


उसके सपने हम आज भी देखा करते है
दिल कि आइने मे आज भी उसकी तस्बिर छूपा रखे है 
तुम ना जानो तुन्हे कितना मिस्स किया करते है 
जितना सुरज चांद को मिस्स किया करते है 
हम वो दिवाने है जो............................................


हम तो तेरे यादो के सहारे जिया करते है 
तेरा पता हम लोगो से पुछा करते है 
तुम कब् आवोगे लौट के राह देखा करते है 
तुम नही आती हो तो हर रोज सराब मे दुबा करते है 
हम वो दिवाने है जो............................................. 





कमलेश कुमार 

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