शनिवार, 11 जून 2011

खत लिखता हु खुन से स्याही मत सम्झना

खत लिखता हु खुन से स्याही मत सम्झना 
मै तुम्से बोल नही पाता तो अनारी मत सम्झना 
बस उस्दीन का इन्तजार करो जब मै और तुम मिलोगी 
अगर नसिब मे नही लिखा मिल्ने को  तो मुझे पागल दिवाना मत सम्झना 



कमलेश कुमार हाल को सहर साउदी अरब

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें