देख्ता हु बडा ख्वाब पुरा होगा या नही मालूम नही
सोचता हु उसे दिन रात वो मिलेगी या नही मालूम नही
मेरे खुदा मुझपर थोरा सा दुवा कर्दे
कसम से इस दुनिया मे तुमको मेरे से ज्यादा कोइ पुजेगा नही
देख्ता हु बडा ...................................
आज रात मे आई थि वो मेरे सपनो मे
कुछ बात हुई थि मेरे अप्नो मे
वो बहुत खुश नजर आरहि थि कि मै भी रमाने लगा
उसकी खुशी मे लेकिन खुश क्यु था मालूम नही
देख्ता हु बडा .........................
जब पहली बार देखा तो लगि कि कोइ परि है
रात को देखा तो लगा कि कोइ फुलो कि झरी है
अब मै उन्से दूर नही रह सक्ता वोही मेरी जिने कि लरी है
कब् वो आएगी मेरी जिन्दगि मे मालूम नही
देख्ता हु बडा ख्वाब ...........................................
उसका निशा धुनध्ता हु आज भी रेत् पे
उसका पता पुछता हु आते जाते लोगो से हर भेट मे
मगर कोइ न जाने वो रहती कहाँ अब किस्से पुछु मालूम नही,.......
देख्ता हु बडा ख्वाब पुरा होगा या नही मालूम नही
सोचता हु उसे दिन रात वो मिलेगी या नही मालूम नही
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