सोमवार, 4 जुलाई 2011

गम मे भी मुस्कुराना सिखो

जीन्दगी मे अगर कुछ करना हो तो दर्द को छुपाना सिखो 
महफिल मे अगर हाथ मिलाना हो तो गम को छुपाना सिखो 
अगर दोस्त बनाना  है तो हाथ से हाथ मिलाना सिखो    
अगर दुस्मनी मिटानी है तो दुस्मन को गले लगाना सिखो 
दोस्तो को अगर खुश रखना है तो उन्हे अपने बारे मे सच् बताना सिखो 
अगर जीन्दगी अकेले बिताना है तो कमलेश के जैसा गम मे भी मुस्कुराना सिखो  

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