मैले के गलती गरे तेस्को सज्जा आज म भोग्दै छु मैले त उलाई बिर्शिन शकिन र जिन्दगि मा कैले पनि बिर्शिन होला येही हो मेरो अधुरो प्रेम कथा
म आज पनि तर्पी राको छु त्यो निस्ठुरी को याद मा
शनिवार, 2 जुलाई 2011
मुझे माफ करना जानेमन
सोचा था आज मिलूँगा तुमसे मगर मिल ना पाया
आने से पहले किशी ने मुझे साजीस करके जाल मे फसाया
जो नाम कभी सोचा भी नही था वो नाम आज पाया
मुझे माफ करना जानेमन तुम्हे बताने से पहले मुझे जेल मे पथाया
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